Mahatma Gandhi: Father of the Nation राष्ट्रपिता कैसे बने महात्मा गांधी?

राष्ट्रपिता

Mahatma Gandhi




राष्ट्रपिता कैसे बने महात्मा गांधी?



महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा जाता है ?
आपको जानकर आश्चर्य होगा की भारतीय संविधान में राष्ट्रपिता जैसी उपाधि का कोई उल्लेख नहीं है, फिर भी भारत के राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को माना जाता है, ऐसा क्यों?


महात्मा गांधी को "राष्ट्रपिता" (Father of the Nation) कहा जाता है क्योंकि वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे और उन्होंने भारतीय राष्ट्र को स्वतंत्रता प्राप्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके आदर्श, उपदेश, और सत्याग्रह के सिद्धांतों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को मार्गदर्शन दिया और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक रूप में आगे बढ़ाया। हालांकि "राष्ट्रपिता" कहलाने का यह कोई स्पष्ट कारण नही मान्य है। 

जानते हैं की, राष्ट्रपिता कहलाने का मूल एवं स्पष्ट कारण क्या है?

 गांधी जी को बापू, राष्ट्रपिता,और महात्मा किसने और क्यों बुलाया?

गांधी जी को सर्वप्रथम सुभाष चंद्र बोस जी ने 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडियो कार्यक्रम से संदेश प्रसारण के माध्यम से गांधी जी को महात्मा व राष्ट्र का पिता कह कर सम्मानित किया , बाद में भारत सरकार ने भी इस नाम को मान्यता दे दिया।



गांधी जयंती: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता की स्मृति-

गांधी जयंती का आगाज़ 2 अक्टूबर को भारत और पूरे विश्व में महात्मा गांधी के जन्मदिन के रूप में होता है। यह दिन हमें उन महान दर्शन का स्मरण करने का मौका देता है जो हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणा स्रोत और एक अद्वितीय नेता थे।



महात्मा गांधी: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता

महात्मा गांधी, जिन्हें बापू के नाम से पुकारा जाता है, ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने अहिंसा, सत्य और सिविल असहमति के माध्यम से भारतीयों को आजादी के लिए आगे आने का प्रोत्साहित किया।


सत्याग्रह की शक्ति:

महात्मा गांधी ने सत्याग्रह की शक्ति को महत्वपूर्ण माना, जिसमें अहिंसा और सत्य का पालन किया जाता है। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ नामक सत्याग्रह (डैंडी मार्च) की ओर अपनाया, जिसमें वे और उनके अनुयायी अरब सागर की ओर 240 मील की यात्रा पर निकले थे।



गांधी जयंती के मौके पर हम उनकी महानता और उनके दर्शनों का सम्मान करते हैं। हम यह सबक सीखते हैं कि आप अपने लक्ष्यों को अहिंसा, सत्य और सेवा के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। गांधी जयंती के इस महत्वपूर्ण दिन पर, हम उनकी यादों को जिन्दा रखते हैं और उनके संदेशों को अपने जीवन में अपनाते हैं।

जानते हैं अब उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में
1. सत्याग्रह का प्रयोग: 
गांधीजी ने सत्याग्रह को एक शक्तिशाली आंदोलन के रूप में प्रस्तुत किया और इसका सशक्तिकरण किया। सत्याग्रह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को अद्वितीय और शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाया।


2. नमक सत्याग्रह: 
गांधीजी ने 1930 में नमक सत्याग्रह का आयोजन किया, जिसमें वे और उनके अनुयायी ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नमक की अवैध उत्पादन और विपणन का विरोध किया। इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।



3. विश्वासमौन विश्विद्यालय की स्थापना: 
गांधीजी ने 1920 में विश्वासमौन विश्विद्यालय की स्थापना की, जो की उनके दर्शनों और शिक्षा के माध्यम से भारतीय समाज को सशक्त करने का लक्ष्य रखता था।


4. हरित क्रांति: 
गांधीजी ने किसानों के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए "हरित क्रांति" की शुरुआत की, जिसका मुख्य उद्देश्य भूमि के गरीब किसानों की स्वाधिकार की सुरक्षा करना था।



5. आपातकाल के दौरान काम: 
गांधीजी ने आपातकाल के समय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नेतृत्व किया और विभाजन और आतंकवाद के खिलाफ सशक्त कदम उठाये।



6. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान: 
गांधीजी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना पूरा जीवन समर्पित किया और भारत को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


ये कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हैं, जो महात्मा गांधी के जीवन में विशेष महत्व रखती हैं, और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को महानतम उच्चायों तक पहुंचाया।



हमने महात्मा गांधी जी के कुछ उपलब्धियों के बारे में जाना, इसके साथ हम जानते हैं उनके कुछ विशेष योगदान के बारे में 



1. सत्याग्रह और अहिंसा: 
गांधीजी ने सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों को अपनाया और इन्हें स्वतंत्रता संग्राम के माध्यम के रूप में प्रस्तुत किया। उनका योगदान ने संघर्षों को शांतिपूर्ण और असहमति के बिना सुलझाने का तरीका सिखाया।


2. दंडी मार्च: 
1930 में गांधीजी ने दंडी मार्च का आयोजन किया, जिसमें वे और उनके अनुयायी ब्रिटिश के नामक निरस्त्राण (नमक के खिलाफ अवैध उत्पादन और विपणन) के खिलाफ प्रतिरोध किया। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण पड़ाव का प्रतीक बना।



3. खिलाफत आंदोलन: 
गांधीजी ने खिलाफत आंदोलन का समर्थन किया, जिसमें मुस्लिम समुदाय ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ उठे। इससे हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रेरणा मिली और स्वतंत्रता संग्राम में विशेष रूप से योगदान हुआ।



4. स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व: 
महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और लोगों को भारतीय स्वतंत्रता के लिए सशक्त बनाया। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक विश्व प्रसिद्ध आंदोलन बनाया और ब्रिटिश साम्राज्य को प्रभावित किया।



5. समाज में सुधार: 
गांधीजी ने समाज में सुधार की प्रेरणा दी, जैसे कि हरित क्रांति, असहमति के बिना विचार करना, और सामाजिक समानता की प्रमुख बातें।



6. आपातकाल के दौरान नेतृत्व:
गांधीजी ने आपातकाल के समय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और आपातकाल के दौरान ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ा।



7. स्वतंत्रता की प्राप्ति:
महात्मा गांधी के योगदान के परिणामस्वरूप, भारत 1947 में स्वतंत्र हो गया, और उसे अपनी आज़ादी हासिल करने का गर्व महसूस कर सकता है।



इन्हीं कार्यों और योगदानों के कारण महात्मा गांधी दुनिया भर में एक महान नेता के रूप में जाने जाते हैं ।

इस लेख से हमने महात्मा गांधी के अमूल्य जीवन के कुछ कार्यों के बारे में जाना ,

प्रिय पाठक आपने अपना बहुमूल्य समय का कुछ अंश हमारे लेख पर दिया जिसका कोटि आभारी हु, जानकारी अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करें।

धन्यवाद🙏

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