धर्मान्तरण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Majority population become minority one day - Allahabad Highcourt 


Majority population become minority one day - Allahabad Highcourt

नमस्कार दोस्तों दोस्तों देश के अंदर जो 
 जो बहुसंख्यक हैं उनकी संख्या माइनॉरिटी में बदल जाएगी अगर रिलीजस कन्वर्जन नहीं रोका गया  ऐसा 
मैं नहीं कह रहा हूं ऐसा कहना है अलाहाबाद 
हाई कोर्ट का


 अलाहाबाद हाई कोर्ट बेसिकली यह कह रहा है कि जो हिंदुओं की संख्या है वह लगातार कम होती जाएगी अगर इसी प्रकार से धर्मांतरण होता गया 

इसको देखते हुए अलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया और सख्त निर्देश दिया है कि 
धर्मांतरण को तुरंत रोका जाए 


यह खबर आप देख सकते हो अलाहाबाद हाई कोर्ट 
इंडियाज मेजॉरिटी विल बिकम माइनॉरिटी इफ 
कन्वर्जेंस डोंट स्टॉप और इसी को हम डिटेल 
से चर्चा करेंगे. 

 इनफैक्ट मैं इसे बताऊंगा कि क्या हमारे 
देश के अंदर सेंट्रल लेवल पर कोई कानून है 
एंटी कन्वर्जन लॉ का नहीं है तो यहां पर 
राज्य स्तर पर यह क्या चल रहा है दुनिया 
भर में इससे रिलेटेड कहां पर कौन से देश 
में क्या कानून है आपको बहुत कुछ जानने को 
मिलेगा चलिए आगे बढ़ते हैं 


 पहले यह देखते हैं कि एगजैक्टली हुआ क्या है देखिए 
उत्तर प्रदेश के अंदर अलाहाबाद हाई कोर्ट है उनके द्वारा बोला गया रिलीजियस कांग्रेगेशन वेयर कन्वर्जंस 
आर टेकिंग प्लेस मस्ट बी स्टॉप्ड

 आपने देखा होगा कई बार ऐसा होता है कि एक बहुत 
बड़ी भीड़ इकट्ठा की जाती है वहां पर एक 
धर्म के जो लोग हैं उनको दूसरे धर्म में 
परिवर्तित किया जाता है कन्वर्ट किया जाता 
है और इसी को देखते हुए अलाहाबाद हाई 
कोर्ट ने ये कहा कि इसको तुरंत रोकना होगा 
अगर इसको नहीं रोका गया तो यहां पर जो 
मेजॉरिटी पॉपुलेशन है देश में वो 
माइनॉरिटी में चली जाएगी 

 अब आपके मन में सबसे पहला क्वेश्चन आएगा कि आखिरकार अलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों बोला 
क्या मामला गया था अलावा हाई कोर्ट के 
अंदर तो देखिए यहां पर मैं आपको विस्तार 
से बताता हूं एक पर्सन है जिसका नाम है 
कैलाश ये ध्यान में रखिएगा अब क्या है कि 
पुलिस ने कैलाश को गिरफ्तार कर लिया था 
उत्तर प्रदेश में अंडर वेरियस चार्जेस ऑफ 
किडनैपिंग एंड यहां पर यूपी प्रोहिबिशन ऑफ 
अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन एक्ट है 2021 
का यहां पर इन प्रोविजंस के तहत ये जो 
पर्सन है कैलाश उसको अरेस्ट किया हुआ था 
अब उसी को लेकर बेल के लिए अलाहाबाद हाई 
कोर्ट में पिटीशन फाइल किया गया अब पिटीशन 
में क्या बोला गया पेटीशन में ये बोला गया 
कि कैलाश को गलत तरीके से पुलिस ने 
गिरफ्तार किया हुआ है लेकिन यहां पर देखिए 
मामला क्या है एक एफआईआर दर्ज किया गया था 
कैलाश के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज किया 
गया क्योंकि आपको बता दूं कि उत्तर प्रदेश 
में एक जगह है हमीरपुर वहां के लोगों ने 
कंप्लेन किया कि यह जो पर्सन है कैलाश वो 
इस जगह के कई सारे लोगों को ले जाता है 
बहला फुसला या फिर जैसे भी और वहां पर 
जाकर दिल्ली में जाकर इन लोगों को कन्वर्ट 
कर देता है दूसरे रिलीजन में यहां पर आप 
देख सकते हो कि एक औरत है राम कली 
प्रजापति और उन्हीं का एक भाई है रामफल तो 
यहां पर राम कली प्रजापति ने ये बोला कि 
मेरे भाई को यह जो कैलाश है वो दिल्ली ले 
गया और यह कहा कि देखिए मैं इसको ठीक कर 
दूंगा क्योंकि रामफल जो है उसको कुछ मेंटल 
इलनेस था तो यहां पर कैलाश ने गलत तरीके 
से ये कहा कि मैं इसको दिल्ली ले जाऊंगा 
और वहां पर एक गैदरिंग में इसको ठीक करा 
दिया जाएगा और ये कहा गया कि एक हफ्ते के 
अंदर-अंदर उसको वापस ले आया जाएगा लेकिन 
एक हफ्ते से कहीं ज्यादा हो गया है और 
रामफल अभी तक है ही नहीं मतलब प्रेजेंट ही 
नहीं है तो यहां पर आप देख सकते हो जो 
रामफल की बहन है रामकली उसने कैलाश से 
पूछा कि मेरा भाई कहां है तो उसका कोई भी 
सेटिस्फेक्ट्री आंसर नहीं था तो यहां पर 
जो एफआईआर दर्ज किया गया ना उसमें कई सारे 
लोगों ने यह बोला हमीरपुर गांव के कि यह 
जो कैलाश व्यक्ति है यह बहुत सारे लोगों 
को ले जाता है इकट्ठा करता है दिल्ली में 
और उनको क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट कर 
देता है तो यही मामले को लेकर कैलाश का 
बेल एप्लीकेशन लगा हुआ था पेटीशन डाला गया 
था कि कैलाश को वहां से छुड़ाया जा सके अब 
क्वेश्चन यह है कि ओबवियस सी बात है पुलिस 
ने गिरफ्तार किया तो यहां पर यूपी सरकार 
ने क्या बयान दिया इस चीज को लेकर तो 
देखिए यूपी सरकार की तरफ से जो एडिशनल 
एडवोकेट जनरल है पीके गिरी उन्होंने 
अलाहाबाद हाई कोर्ट के अंदर यह बोला कि यह 
बात सच है कि यहां पर यह जो पर्सन है वो 
बड़ी संख्या में इकट्ठा करके दिल्ली ले 
जाता है लोगों को और वहां पर उनको 
क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट किया जाता है 
और जब वो वहां पर ले जाता है तो इसके लिए 
उसको काफी सारा पैसा भी मिलता है मतलब 
कैलाश जो है वो इसको एक धंधा बना रखा था 
कि लोगों को ले जाता था दिल्ली में और 
वहां पर जाकर उनको क्रिश्चियनिटी में 
कन्वर्ट कर देता था दूसरी तरफ यहां पर जो 
कैलाश की तरफ से वकील हैं साकेत जैसवाल 
उन्होंने अलाहाबाद हाई कोर्ट को यह बोला 
कि देखिए रामफल ने किसी को भी 
क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट नहीं किया वो 
तो बस उन लोगों को क्रिश्चियन एक गैदरिंग 
में ले गया था एक समा एक एक समूह था वहां 
पर कई सारे लोगों का वहां पर उनको ले गया 
था लेकिन यहां पर किसी को भी 
क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट नहीं किया गया 
इनफैक्ट जो आरोप लगा है क्रिश्चियनिटी में 
कन्वर्ट करने का व लगा है सोनू पास्टर को 
और उसको ऑलरेडी बेल पर छोड़ा जा चुका है 
तो कहीं नाना कहीं इसको देखते हुए कैलाश 
को भी बेल पर छोड़ देना चाहिए तो यह 
आर्गुमेंट थे अब क्वेश्चन यह है कि 
अलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस चीज को लेकर 
क्या कहा देखिए अलाहाबाद हाई कोर्ट के जो 
जज हैं रोहित रंजन अग्रवाल उन्होंने कहा 
कि देखिए हमारे संविधान का जो आर्टिकल 25 
है वो क्या कहता है वो कहता है कि आप अपने 
रिलीजन को अ फ्रीली प्रोफेस कर सकते हो 
प्रैक्टिस कर सकते हो 
हो लेकिन आप किसी को कन्वर्ट नहीं कर सकते 
इस तरह से इनफैक्ट 
आर्टिकल 25 है इसमें लिखा है फ्रीडम ऑफ 
कंसांस एंड फ्री प्रोफेशन प्रैक्टिस एंड 
प्रोपेगेशन ऑफ रिलीजन यहां पर ये कहीं 
नहीं लिखा हुआ है कि आप दूसरे को इस 
रिलीजन में एक रिलीजन से दूसरे रिलीजन में 
कन्वर्ट कर दो मतलब प्रोपेगेशन का मतलब 
होता है प्रमोट करना इट डज नॉट मीन टू 
कन्वर्ट एनी पर्सन फ्रॉम हिज रिलीजन टू 
अनदर रिलीजन ऐसा अलाहाबाद हाई कोर्ट ने 
अपने जजमेंट में कहा है और सर और यहां पर 
जो अलाहाबाद हाई कोर्ट है उन्होंने एक और 
चीज नोटिस किया दैट रामफल जो है यहां पर 
कई सारे लोगों को ले गया था और उसमें से 
जो कुछ हैं वह वापस गांव नहीं लौटे हैं और 
इसी की वजह से अलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह 
कहा कि अगर इस प्रोसेस को अलाउ किया गया 
तो देश के अंदर जो मेजॉरिटी पॉपुलेशन है 
वोह माइनॉरिटी में कन्वर्ट हो जाएगी तो 
यहां पर सखत निर्देश दिया अलाहाबाद हाई 
कोर्ट ने और यह कहा कि इस तरह की जो 
रिलीजियस कांग्रेगेशन होती हैं उसको तुरंत 
बेसिस पर स्टॉप करना चाहिए जहां पर भी 
ये ये जो कन्वर्ट करते हैं लोगों को उसको 
रोकने की कोशिश करनी चाहिए अदर वाइज यह 
काफी बड़ा मामला हो सकता है इनफैक्ट मैं 
आपको बता दूं अलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह भी 
कहा है कि यहां पर बहुत सारे हिंदू धर्म 
के जो अलग-अलग कास्ट के लोग हैं एससी और 
एसटी कास्ट के जो लोग हैं उन जो कि 
इकोनॉमिकली पुअर हैं उनको बहला फुसला के 
उनको मतलब झांसा देके एक तरह से 
क्रिश्चियनिटी में जो कन्वर्ट किया जा रहा 
है ये रैंप पेस पर चल रहा है और थ्रू आउट 
उत्तर प्रदेश चल रहा है तो ये चीज यहां पर 
नहीं होना चाहिए और इसी की वजह से यहां पर 
अलाहाबाद हाई कोर्ट ने कैलाश को बेल 
रिफ्यूज कर दिया है मतलब उसको बेल यहां पर 
अलाहाबाद हाई कोर्ट ने नहीं दिया तो चलो 
यह तो हमने समझ लिया यह मामला है अब 
क्वेश्चन यह है कि क्या हमारे देश में 
सेंट्रल लेवल पर कोई कानून है एंटी 
कन्वर्जन लॉ है कि इस तरह की चीजें ना हो 
तो देखो मैं आपको बता दूं कि जब हम एंटी 
कन्वर्जन लॉ की बात करते हैं तो इसका 
सिंपल अर्थ यह होता है कि ऐसे कानून ऐसे 
रूल्स जहां पर कन्वर्जंस को रोका जाए 
फ्रॉम वन रिलीजन टू अनदर इसका मतलब यह 
नहीं है कि अगर आपको कोई दूसरा रिलीजन 
पसंद आ रहा है तो आप जॉइन नहीं कर सकते आप 
कर सकते हो लेकिन आपको कोई फोर्स नहीं कर 
सकता मतलब देखो अगर मान लो मुझे मेरा धर्म 
पसंद है तो मैं उस धर्म को अपने तक सीमित 
रखूंगा उसके बारे में अच्छा जो भी है 
बताऊंगा इसका मतलब यह नहीं है कि मैं आपको 
गलत तरीके से झांसा देकर जो है यह कहूंगा 
कि तुम इस रिलीजन में कन्वर्ट हो जाओ तो 
इसके लिए मैं आपको बता दूं पार्लियामेंट 
के अंदर संसद के अंदर कई बार बिल तो पेश 
किया गया लेकिन कभी भी वह पास नहीं हो 
पाया तो सेंट्रल लेवल पर कोई भी कानून 
नहीं है इनफैक्ट मैं आपको बताता हूं सबसे 
पहला जो बिल आया था 1954 में इसका नाम था 
इंडियन कन्वर्जन रेगुलेशन एंड रजिस्ट्रेशन 
बिल जिसके तहत यहां पर जो मिशनरीज हैं 
उनका लाइसेंसिंग सिस्टम के लिए बात कही गई 
यहां पर जो रजिस्ट्रेशन है जब भी कन्वर्जन 
होगा तो रजिस्ट्रेशन किया जाए ये सारी 
चीजों को लेकर बिल लाया गया लेकिन यहां पर 
लोकसभा में मेजॉरिटी नहीं हो पाई और यह 
बिल पास नहीं हो पाया फिर 1960 में भी इस 
तरह का बिल आया था बैकवर्ड कम्युनिटीज 
रिलीजस प्रोटेक्शन बिल जिसके तहत यहां पर 
ये देखा गया कि कई सारे हिंदू उस को नॉन 
इंडियन रिलीजस में कन्वर्ट किया जा रहा है 
ऐसा ना हो फिर उसके कुछ साल के बाद 197 29 
का भी एक बिल आया गया फ्रीडम ऑफ रिलीजन 
बिल इसमें भी यहां पर इंटर रिलीजस 
कन्वर्जंस को रोकने की बात कही गई लेकिन 
वो दोनों ही बिल पार्लियामेंट से पास नहीं 
हो पाया अब फाइनली मैं आपको बता दूं जो 
लेटेस्ट सिचुएशन है वो यह है कि 2015 में 
लॉ मिनिस्ट्री ने सजेस्ट किया कि देखिए ये 
जो कन्वर्जन वाला पूरा मामला है क्योंकि 
ये जो लॉ एंड ऑर्डर का सिचुएशन होता है वो 
सब कुछ स्टेट गवर्नमेंट के अंदर में आता 
है तो यहां पर पार्लियामेंट इसके ऊपर कोई 
बिल नहीं पास करेगी हां यहां पर स्टेट 
गवर्नमेंट के पास सारी पावर है अगर स्टेट 
गवर्नमेंट चाहती है तो इससे रिलेटेड जो 
बिल है कानून है वो ला सकती है तो मैं 
आपको बता दूं कि कई वर्षों से अगर आप 
देखोगे देश के अलग-अलग राज्यों में इस तरह 
के कानून आपको देखने को मिलेंगे जैसे कि 
यहां पर आप देख सकते हो अभी प्रेजेंट में 
करीब आठ ऐसे राज्य हैं हमारे देश में जहां 
पर ये कानून देखने को मिलेगा उड़ीसा में 
1967 में ही आ गया था मध्य प्रदेश 1968 
अरुणाचल प्रदेश 1978 छत्तीसगढ़ में 2000 
और फिर 2006 में अमेंडमेंट किया गया 
गुजरात में 2003 में आया था हिमाचल प्रदेश 
में 2006 और फिर 19 में अमेंडमेंट हुआ 
झारखंड में 2017 और उत्तराखंड में 2018 
में आया था इनफैक्ट मैं आपको बता दूं कि 
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड वाला जो 
अमेंडमेंट हुआ था उसमें यह कहा गया कि अगर 
यहां पर किसी से शादी की जाती है फॉर द 
सोल पर्पस ऑफ कन्वर्शन कन्वर्ट करने के 
सोच से तो भी यहां पर वो मैरिज वो शादी 
रद्द कर दी जाएगी वो सही नहीं होगा तो इस 
तरह के कानून लाए गए हैं खैर इसके अंदर कई 
सारे पनिशमेंट भी है जैसे छत्तीसगढ़ वाला 
जो रिलीजन फ्रीडम एक्ट है 2006 का उसमें 3 
साल तक का जेल का सजा है हरियाणा वाले 
एक्ट में 1 टू 5 इयर्स तक के जेल की सजा 
है और ₹1 लाख फाइन है झारखंड वाले में 3 
साल तक की सजा और ₹5000000 फाइन है उड़ीसा 
फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 1967 इसमें 1 ल साल 
तक की सजा और ₹5000000 
कानून देखने को मिलेंगे अल्जीरिया के अंदर 
आप देखिए यहां पर यह बोला गया है उनके 
संविधान में कि इस्लाम जो है वह स्टेट 
रिलीजन है और उन्होंने 2006 में यह कानून 
लाया था और यह कहा था कि अगर किसी भी 
मुस्लिम को कन्वर्ट करने की कोशिश भी की 
गई तो यहां पर 5 साल तक की सजा हो सकती है 
इसके अलावा भूटान के अंदर हमारा जो पड़ोसी 
देश है उसमें भी 2011 में इस तरह का कानून 
लाया गया और इसमें 3 साल तक की सजा रखी गई 
लेकिन यूनाइटेड अरब एमिरेट्स में मैं आपको 
बता दूं इसमें तो ये पूरी तरह से इलीगल है 
इसमें तो ये बोला गया है कि आप इस्लाम 
छोड़ ही नहीं सकते वो आपको इस्लाम अडॉप्ट 
करना ही होगा और आप अगर छोड़ते भी हो मतलब 
कोई भी इस तरह की चीजें करता है तो यहां 
पर उसको मौत की सजा हो सकती है आप समझ रहे 
हो इतना ज्यादा स्ट्रिक्ट लॉज है कई सारे 
आपको मुस्लिम मेजॉरिटी कंट्रीज में खैर जो 
भी है आप क्या इसके बारे में सोचते हैं 
मुझे कमेंट्स में जरूर बताइएगा दोस्तों आई 
होप कि ये जो जानकारी थी आपको अच्छे से अब 
समझ में आ गई होगी ।


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